बाप और बेटी की रासलीला-2

पिछला भाग पढ़े:- बाप और बेटी की रासलीला-1

हेलो दोस्तों, आप सब लोग कैसे हो? आपका बहुत प्यार मिला मेरी पिछली कहानी में। और जिसने पिछली कहानी नहीं पढ़ी है, वो जाके कहानी पढ़े। मेरा नाम नयनिका है, और मेरे पापा कम सेक्स पार्टनर का नाम राज है।

जैसे आपने पिछली कहानी में पढ़ा कि एक पार्टी में लोगों ने हमें पति-पत्नी समझ लिया, और राज ने ये कन्फ्यूजन कभी दूर नहीं किया। फिर हमारे बीच एक नये रिश्ते का आगाज हुआ। मैं और राज काफी करीब आ गए, इतने की एक दूसरे को नंगा देख रहे थे। मैंने राज को मुझे पत्नी जैसा प्यार देने के लिए हा बोल दी थी। अब आगे की कहानी देखते हैं.

राज मेरी मर्जी से ही मुझसे बहुत करीब आके प्यार करना चाहते थे। उनकी तड़प और प्यार देख कर मेरा दिल पिघल गया, और आखिरकार मैंने एक खूबसूरत रिश्ते के लिए हा बोल दी। अब वो चुदाई का रिश्ता बनाने जा रहे हैं।

राज मुझे मेरी मर्जी के बिना चुनना नहीं चाहिए थे, और मैंने उनको हा बोल दिया। मैंने मेरा शॉर्ट्स और टी-शर्ट निकाल कर फेंक दिया, और मैं राज के सामने पूरी नंगी खादी थी। 34-30-34 फिगर राज के सामने नंगा खड़ा था।

राज मेरे करीब आये, और अपने हाथ से मेरे नंगे बदन को छूने लगे। उनका हाथ मेरे गले से नीचे जा रहा था, और मेरी चुचियाँ पर आ गया, और वो दोनो हाथ से मेरी चुचियाँ मसल दी। फिर धीरे से नीचे मेरी नाभि तक ले आये, और अपनी उंगली मेरी नाभि में घुसा दी। मेरे मुँह से आआअहह निकल गई। वो उंगली घुमा रहे थे, और मैं सिसकियाँ ले रही थी।

राज समझ गए थे कि ये मेरे बदन का सबसे उत्साहित हिसा था, और यहां से वो मुझे कभी भी गरम कर सकता था। राज धीरे-धीरे मेरी चूत के टुकड़े पर आ गए, और आते ही पहले मेरी बालों वाली चूत पर किस कर लिया।

जब मैं और राज करीब आए, मैंने तब तक मेरी चूत के बालों को साफ करना शुरू भी नहीं किया था। पापा ने मेरी बालों वाली चूत को खोला, और अंदर एक उंगली डाल दी। आआअहह, और मैं झट से उछल गई। मुझे हल्का दर्द भी हुआ. राज ने मुझे संभालते हुए कहा-

राज: जान पहली बार है। तुम्हें जो एहसास हो रहा है उसका मजा लो। ये सब तुम्हारे लिए नया है, और ये तुम्हारा पहला अनुभव है। और पहली बार बहुत खास होता है। तुम्हारा ये दिन मैं यादगार बना दूंगा।

राज एक उंगली मेरी चूत में घूम रहे थे, और मुझसे प्यार भरी बातें भी कर रहे थे। और मैं आअहह आअहह करके कराह रही थी। मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित थी।

मैं: आहह आआहह राज बर्दाश्त नहीं हो रहा है. प्लीज़ तुम उंगली निकालो.

राज मेरी चूत में उंगली और ज़ोर से चलने लगे, और मुझे लिप किस किया और कहा-

राज: जान एक उंगली बर्दाश्त नहीं हो रही है। पर आज तो पूरा लंड इसके अन्दर जायेगा। और वो 3 उंगलियाँ जितना बड़ा है।

ये सुन के अचानक मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और राज मेरी चूत का सारा पानी पी गये। अन्होने चाट-चाट के मेरी चूत को साफ कर दिया। राज ने चूत को चूस कर पूरा सूखा कर दिया। फिर वो मेरे ऊपर आये, और मुझे लिप किस किया और पूछा-

राज: जान, जिंदगी के सबसे सुनहरे पल का अनुभव लेना चाहती हो?

मैंने अपनी आँखों से हा बोल दिया, और चूत में लंड डालने की अनुमति दे दी। राज ने अपने लंड को हाथ से हिला कर एक दम टाइट कर लिया। फिर मेरे दोनों जोड़ों को अलग किया, और मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया।

मेरी दोनों टांगों के बीच राज आ गया, और लंड को मेरी चूत पर रखा। मैं पहली बार लंड का स्पर्श महसूस कर रही थी। आज पहली बार चुदना भी चाहती थी, पर डर भी लग रहा था। राज अपना लंड मेरी चूत के ऊपर घुमा रहे थे, और मैं उनके स्पर्श को महसूस कर रही थी।

आअहह अह्ह्ह्ह, पहली बार लंड को चूत पर महसूस कर रही थी, और पूरा बदन एक अजीब सिहरन दौड़ रही थी। अनहोने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर रखा, और हल्का सा अंदर घुसाने की कोशिश की। उस समय मुझे हल्का सा दर्द हुआ, और मैंने राज का हाथ पकड़ लिया। फ़िर राज ने मुझे माथे पर चूमा और कहा-

राज: जान बस थोड़ी देर हल्का सा दर्द होगा, बाद में बहुत मजा करोगी।

राज का लंड अभी भी मेरी चूत के छेद पर था, और इस बार राज ने पूरी ताक़त लगा के लंड को मेरी चूत में धक्का दिया। उसके साथ मेरी ज़ोर से चीख निकल गई आह्ह आह्ह आह्ह। राज का लंड मेरी चूत में था, और मुझे बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। मैं पूरी तरह से बिस्तर में झटपटा रही थी।

मैं: राज बहुत दर्द हो रहा है. कृपया इसे निकालो.

राज मुझे समझ रहे थे: जान बस हो गया है। एक बार अंदर चला गया, अब तुम्हें दर्द नहीं होगा।

थोड़ी देर बाद राज ने लंड को थोड़ा बाहर खींचा, क्योंकि लंड अभी आधा ही मेरी चूत में गया था। फिर एक ज़ोर का धक्का दिया, और इस बार लंड मेरी सील तोड़ते हुए सीधा अंदर जा चूका था। आह्ह आह्ह आह्ह मैं बहुत ज्यादा दर्द में थी, और मेरी आंखें दर्द के मारे बंद हो गयी थी।

राज ने मुझसे कहा: जान आज तुम एक औरत बन चुकी हो। मेरी जान ये तो मीठा दर्द है.

मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे, और राज मुझे प्यार से संभाल रहे थे। थोड़ी देर बाद राज ने पूरा लंड चूत से बाहर निकाला, और एक ही झटके में अंदर घुसा दिया। मेरे मुँह से निकला-

मैं: आआअहह अह्ह्ह्ह राज, प्लीज इसे बाहर निकाल दो। मैं नहीं ले सकती.

राज अब बिना कुछ सुने मेरी चूत में लंड को चलाने लगे। वो ज़ोर-ज़ोर से लंड को अंदर-बाहर करने लगे, और जाम के बिना रुके राज मेरी चूत को चोद रहे थे। मेरी चूत में एक-एक धक्का बहुत ज़ोर से लग रहा था, और मैं आह आह करती जा रही थी।

राज कभी मेरी चुचियाँ मसलते, और कभी पूरे बदन पर किस करते हुए मुझे चोदे जा रहे थे। मुझे चूत में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था, पर साथ में एक अजीब सा एहसास था, जो मुझे बहुत सुकून दे रहा था। काफ़ी देर तक राज ने मेरी चूत को पेला, और अपना सारा माल मेरी चूत में खाली कर दिया। राज थक के मेरे ऊपर ही लेट गए.

मेरी चूत राज के अमृत से भर चुकी थी, और चरमसुख का जो अनुभव मैं कर रही थी, जैसा मुझे लगा कि मैं जन्नत में आ गई थी। राज का लंड अभी भी मेरी चूत में था, और हम दोनों ऐसे ही लेते रहे।

दोस्तों मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल (infoastha2021@gmail.com) में जरूर बताइयेगा। राज ने आज पहली बार मेरी चुदाई की थी, और उसके बाद आगे क्या हुआ जानने के लिए आप मेरे अगले हिस्से का इंतज़ार करें।

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